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Supreme Court Dismisses New Petitions Challenging Waqf Amendment Act : वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने वाली नई याचिकाओं को शीर्ष अदालत ने किया खारिज

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नई दिल्ली। वक्फ संशोधन कानून की वैधानिकता को चुनौती देने वाली नई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार करते हुए खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने नई याचिकाएं दायर करने वालों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हर कोई चाहता है कि उसका नाम अखबारों में आए। बेंच ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि 20 मई को अंतरिम राहत के मुद्दे पर सुनवाई होगी। इससे पहले 17 अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि कानून को चुनौती देने वाली कुल याचिकाओं में से केवल पांच पर सुनवाई की जाएगी।

इससे पहले गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने केंद्र से कहा था कि वो फिलहाल वक्फ संपत्तियों को न तो गैर-अधिसूचित करे न ही केंद्रीय वक्फ परिषद और बोर्डों में कोई नियुक्ति करे। मुस्लिम पक्ष का दावा है कि वक्फ संशोधन कानून के जरिए सरकार उनके अधिकारों का हनन कर रही है। इसलिए इस कानून को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए। जबकि केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में दायर सभी याचिकाओं को खारिज किया जाना चाहिए। सरकार ने कहा कि कानून के वैधानिक प्रावधानों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अदालत को रोक लगाने का अधिकार नहीं है।

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सरकार ने बताया है कि गहन अध्ययन, विश्लेषण के आधार पर वक्फ में उन संशोधन को किया है जो जरूरी थे, इसके लिए सभी दलों की राय भी ली गई और उनकी आपत्तियों पर विचार के बाद संशोधन को अंतिम रूप दिया गया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व सीजेआई जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही थी मगर अपने रिटायरमेंट से पहले संजीव खन्ना ने कहा कि यह गंभीर मामला है और इस पर हर पक्ष को सुना जाना जरूरी है इसलिए अब इस पर नए सीजेआई जस्टिस गवई सुनवाई करेंगे।

 

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