नई दिल्ली। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली की जमानत याचिका पर आज कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। पनोली के वकील ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने और उसे जमानत दिए जाने की मांग की। न्यायमूर्ति पार्थ सारथी चटर्जी ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शर्मिष्ठा ने एक समुदाय के लोगों की भावनाओं को ठेस तो पहुंचाई है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर किसी की धार्मिक भवनाओं को आहत नहीं किया जा सकता। इसी के साथ अदालत ने 5 जून को इस मामले की अगली सुनवाई तय कर दी।
आपको बता दें कि शर्मिष्ठा पनोली पश्चिम एक लॉ छात्रा है। उसने हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर मुस्लिम समुदाय को लेकर एक पोस्ट की थी, इसमें उसने मुख्य रूप से बॉलीवुड के मुस्लिम एक्टर्स को निशाना बनाते हुए उनकी चुप्पी पर सवाल उठाया था और इस्लाम और पैगम्बर मोहम्मद को लेकर बहुत सी बाते कहीं थी। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद पनोली ने सोशल मीडिया से अपना वीडियो डिलीट कर दिया था और अपनी टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी। इसी मामले में शर्मिष्ठा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी और 30 मई की रात को उसे गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया था।
गिरफ्तारी के बाद उसे कोलकाता की निचली अदालत के समक्ष ले जाया गया, जहां से कोर्ट ने उसे 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। पनोली की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डीपी सिंह ने कहा कि जेल में उन्हें बुनियादी मानवाधिकारों से भी वंचित रखा रहा है। उन्हें कपड़े बदलने या दवाइयां लेने जैसे बुनियादी मानवाधिकार भी नहीं दिए जा रहे हैं। अदालत ने चार जून यानी कल तक इस पर रिपोर्ट मांगी है। वकील ने यह भी दलील दी कि जेल के अंदर शर्मिष्ठा को धमकी भी मिल रही है।
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