राजस्थान की राजधानी जयपुर अपने ऐतिहासिक किलों, महलों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। लेकिन इन खूबसूरत स्थापत्य कला के अजूबों के पीछे कई रहस्यमयी और खौफनाक कहानियां भी छिपी हैं। ऐसा ही एक किला है- नाहरगढ़ किला, जो एक तरफ फिल्मों की शूटिंग के लिए पसंदीदा लोकेशन रहा है, वहीं दूसरी तरफ रहस्यमयी मौतों और रात में आने वाली अजीबोगरीब आवाजों के लिए भी बदनाम है। नाहरगढ़ किला जयपुर शहर से सटी अरावली पर्वत श्रृंखला की ऊंचाई पर स्थित है, जहां से पूरे शहर का नजारा बेहद खूबसूरत दिखता है। दिन के समय तो यह जगह पर्यटकों से गुलजार रहती है, लेकिन शाम ढलते ही यहां का माहौल बदलने लगता है। स्थानीय गाइड और आसपास के लोग बताते हैं कि सूरज ढलते ही इस किले के गलियारों में एक अजीब सी सिहरन दौड़ने लगती है और कोई भी यहां रुकने की हिम्मत नहीं करता।
फिल्मों का पसंदीदा, लेकिन रहस्य बना डर का कारण
नाहरगढ़ किला बॉलीवुड के लिए भी एक बेहतरीन शूटिंग स्पॉट रहा है। 'रंग दे बसंती', 'शुद्ध देसी रोमांस', 'जोधा अकबर' जैसी फिल्मों के कई सीन यहां शूट किए गए हैं। लेकिन इस चकाचौंध के पीछे एक अंधेरा छिपा है, जिसे कैमरा शायद ही कभी कैद कर पाया हो। स्थानीय लोगों के मुताबिक, इस किले में आज भी रात के समय अजीबोगरीब चीखें सुनाई देती हैं। कभी ये आवाजें किसी महिला की लगती हैं जो मदद की गुहार लगा रही है, तो कभी किसी के भागने की आवाज आती है जैसे कोई भागते हुए गिर गया हो। यहां शूटिंग के दौरान कई बार एक्टर्स और क्रू मेंबर्स ने डरावने अनुभव भी शेयर किए हैं- जैसे कैमरा अपने आप बंद हो जाना, रिकॉर्डिंग में अजीबोगरीब आवाजें आना या सेट पर बिजली चले जाना।
शवों का रहस्य
इस किले में कई बार रहस्यमय तरीके से शव भी मिल चुके हैं। एक बार एक पेंटर का शव संदिग्ध परिस्थितियों में किले की दीवार से लटका मिला था। पुलिस ने इसे आत्महत्या बताया, लेकिन कई लोगों का मानना था कि वह किसी अदृश्य शक्ति का शिकार था। ऐसी घटनाओं के बाद नाहरगढ़ किला धीरे-धीरे 'हॉन्टेड फोर्ट' के नाम से मशहूर हो गया।
नाहर का श्राप?
अगर इतिहास पर नज़र डालें तो पता चलता है कि नाहरगढ़ किले का निर्माण जय सिंह द्वितीय ने 1734 में करवाया था। पहले इसका नाम "सुदर्शनगढ़" था, लेकिन बाद में इसे 'नाहरगढ़' कहा जाने लगा। ऐसा माना जाता है कि इस किले के निर्माण में बार-बार बाधा उत्पन्न हुई और फिर एक तांत्रिक की सलाह पर राजा ने एक साधु 'नाहर सिंह भोमिया' की आत्मा को शांत करने के लिए एक मंदिर बनवाया। कहा जाता है कि तभी से इस किले को 'नाहरगढ़' कहा जाने लगा - नाहर सिंह की आत्मा के नाम पर।
पर्यटकों का अनुभव
नाहरगढ़ घूमने आए कई पर्यटकों ने अजीबोगरीब घटनाओं का भी अनुभव किया है। कुछ लोगों ने दावा किया कि उन्होंने अपने पीछे किसी को छाया की तरह चलते देखा, लेकिन जब उन्होंने मुड़कर देखा तो वहां कोई नहीं था। वहीं, कुछ का कहना है कि उनके कैमरे या मोबाइल फोन अचानक काम करना बंद कर देते हैं जैसे कोई अदृश्य शक्ति उन्हें रोक रही हो।
रात में वहां जाना क्यों मना है?
आधिकारिक तौर पर भी सूर्यास्त के बाद इस किले में किसी को रुकने की अनुमति नहीं है। यहां न तो कोई गार्ड रहता है और न ही पर्यटकों को रुकने दिया जाता है। इसकी वजह वही रहस्यमयी घटनाएं हैं, जिन्होंने सालों से इस किले को खौफ का पर्याय बना रखा है।
वीडियो में देखें वो जगह जहां डर बसता है
आज के डिजिटल दौर में सोशल मीडिया और यूट्यूब पर ऐसे कई वीडियो मौजूद हैं, जिनमें नाहरगढ़ किले की डरावनी रातें रिकॉर्ड की गई हैं। किसी वीडियो में किसी के रोने की आवाज है, तो किसी में दरवाजे अपने आप खुलने और बंद होने के दृश्य हैं। ये वीडियो रोमांच तो पैदा करते ही हैं, साथ ही इस किले से जुड़े रहस्यों को और भी गहरा करते हैं।
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