राजस्थान के सबसे दुर्गम और सीमावर्ती इलाकों में से एक डेजर्ट नेशनल पार्क (DNP) क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में अब अंधेरे पर रोशनी की जीत होने जा रही है। जिले के शिव विधानसभा क्षेत्र के विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने इस क्षेत्र के बिजली से वंचित गांवों में विद्युतीकरण के लिए अपनी विधायक निधि से धन आवंटित करने का निर्णय लिया है। यह कदम क्षेत्र के विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल माना जा रहा है।
डेजर्ट नेशनल पार्क क्षेत्र अपने कठिन भूगोल और रेतीले मरुस्थलीय इलाकों के कारण अब तक बुनियादी सुविधाओं से काफी हद तक वंचित रहा है। यहां बसे कई गांव ऐसे हैं, जहाँ आजादी के 75 से अधिक साल बीत जाने के बाद भी बिजली की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। ग्रामीणों का जीवन अब तक दीपक, लालटेन और सौर लैंप पर निर्भर था। ऐसे में विधायक भाटी की यह घोषणा स्थानीय लोगों के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आई है।
विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने बताया कि “डेजर्ट नेशनल पार्क के ये गांव न केवल भौगोलिक दृष्टि से कठिन हैं, बल्कि यहां तक पहुंचना भी एक चुनौती है। लेकिन अब कोई भी गांव विकास से पीछे नहीं रहेगा। हमारी प्राथमिकता है कि हर घर में बिजली पहुंचे और हर परिवार इस मूलभूत सुविधा का लाभ उठा सके।”
इस योजना के तहत प्रारंभिक चरण में DNP क्षेत्र के अंदर स्थित 8 से 10 गांवों में बिजली के खंभे, तार और ट्रांसफॉर्मर लगाने का काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए विधायक निधि से आवश्यक बजट स्वीकृत कर दिया गया है और कार्य जल्द ही शुरू होने की संभावना है।
स्थानीय प्रशासन ने भी इस पहल को सराहा है। अधिकारियों ने बताया कि विद्युतीकरण कार्य के लिए क्षेत्र का सर्वे पूरा हो चुका है और तकनीकी टीम को काम का खाका तैयार करने का निर्देश दिया गया है। चूंकि क्षेत्र वन्यजीव अभयारण्य के अंतर्गत आता है, इसलिए आवश्यक पर्यावरणीय मंजूरी के बाद चरणबद्ध तरीके से कार्य आरंभ होगा।
ग्रामीणों में भी इस घोषणा को लेकर भारी उत्साह है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमारे गांव में अब तक कभी बिजली नहीं आई थी। बच्चे अंधेरे में पढ़ते थे और गर्मी के दिनों में बड़ी परेशानी होती थी। अब उम्मीद है कि हमारे घरों में भी उजाला फैलेगा।”
जानकारी के अनुसार, डेजर्ट नेशनल पार्क में आने वाले ये गांव सीमावर्ती इलाके के पास स्थित हैं, जहां विकास कार्य पहुंचाना कई बार प्रशासनिक और तकनीकी रूप से कठिन होता है। इसके बावजूद विधायक भाटी ने इसे प्राथमिकता देते हुए ‘हर गांव में बिजली, हर घर में उजाला’ के लक्ष्य को आगे बढ़ाया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस पहल से न केवल स्थानीय जीवन स्तर में सुधार होगा बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। बिजली पहुंचने से यहां छोटे उद्योग, जल प्रबंधन योजनाएं और डिजिटल सुविधाएं भी सुलभ हो सकेंगी।
भविष्य में इस परियोजना का विस्तार करते हुए डेजर्ट नेशनल पार्क के अन्य दुर्गम गांवों तक भी बिजली पहुंचाने की योजना पर विचार किया जा रहा है।
You may also like
 - क्या होते हैं स्मार्ट गीजर? नहाने के तरीके को बना रहे हाईटेक, फर्क जानकर रह जाएंगे दंग
 - सुपर कप: समिक मित्रा के गोल से चेन्नईयिन एफसी ने डेम्पो स्पोर्टिंग के खिलाफ मैच ड्रॉ कराया
 - क्या इस बार नवंबर में ही पड़ेगी कड़ाके की ठंड? IMD ने दिया बड़ा अपडेट
 - मैनपुरी: आलापुर खेड़ा पंचायत बनी आत्मनिर्भरता की मिसाल, '10 रुपए में शुद्ध जल' से बदली विकास की परिभाषा
 - NZ vs ENG 3rd ODI Prediction: न्यूजीलैंड बनाम इंग्लैंड! यहां देखें संभावित XI, पिच रिपोर्ट और लाइव स्ट्रीमिंग से जुड़ी सभी जानकारी




