ज्योतिष में बुध को बुद्धि, संचार, व्यापार और तार्किक सोच का ग्रह माना जाता है। उनके राशि और नक्षत्र परिवर्तन हमारे दैनिक जीवन, निर्णय लेने और रिश्तों को बहुत प्रभावित करते हैं। 7 मई 2025 को प्रातः 4:13 बजे बुध मेष राशि में प्रवेश करेगा तथा उसी दिन एवं समय पर अश्विनी नक्षत्र में गोचर भी करेगा। अश्विनी नक्षत्र केतु के प्रभाव में है, जो गति, ऊर्जा और नई शुरुआत का प्रतीक है, लेकिन कभी-कभी जल्दबाजी और भ्रम भी लाता है। मेष राशि में बुध तेज गति वाला और क्रियाशील हो जाता है, लेकिन यह कुछ राशियों के लिए संचार संबंधी गलतफहमी, जल्दबाजी में निर्णय और तनाव पैदा कर सकता है।
अश्विनी नक्षत्र मेष राशि का प्रथम नक्षत्र है और केतु इसका स्वामी है। यह नक्षत्र उच्च ऊर्जा, नई शुरुआत और गति का एहसास देता है। इस नक्षत्र में बुध के प्रवेश से संचार में गति, नए विचार और त्वरित निर्णय लेने में मदद मिलेगी, लेकिन केतु के प्रभाव से जल्दबाजी, बेचैनी और जानकारी में त्रुटियां हो सकती हैं। इस दौरान, गलत संचार, अधूरे विवरण पर निर्णय और छोटी-छोटी बातों पर तनाव हो सकता है। इससे आपको भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं किन राशियों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
मिथुन राशिमिथुन राशि बुध की अपनी राशि है, लेकिन मेष राशि में बुध का गोचर मिथुन राशि के 11वें भाव में होगा और अश्विनी नक्षत्र का भी इस पर प्रभाव रहेगा। इससे इस राशि के लोगों के लिए संचार और सामाजिक दायरे में समस्याएं पैदा होंगी। अश्विनी नक्षत्र की उच्च ऊर्जा आपको मित्रों या समूह परियोजनाओं के संबंध में जल्दबाजी में निर्णय लेने के लिए प्रेरित कर सकती है। मेष राशि में सूर्य और बुध आपके शब्दों को अति आत्मविश्वासी या आक्रामक बना सकते हैं, जिससे गलतफहमियां पैदा हो सकती हैं। निवेश या ऋण जैसे वित्तीय निर्णयों में जोखिम शामिल हो सकता है। स्वास्थ्य में सिरदर्द या नींद की समस्या परेशान कर सकती है।
कन्याकन्या राशि भी बुध की राशि है, लेकिन मेष राशि में बुध का गोचर इस राशि के 8वें भाव को प्रभावित करेगा। अश्विनी नक्षत्र का प्रभाव इस राशि के लोगों के लिए अप्रत्याशित परिस्थितियां ला सकता है। आठवां घर रहस्य, अनुसंधान और परिवर्तन से जुड़ा हुआ है, और यहां स्थित बुध भ्रम, गलत संचार या गलत सूचना का कारण बन सकता है। अश्विनी नक्षत्र के कारण आप जल्दबाजी में काम कर सकते हैं या जोखिम भरे निर्णय ले सकते हैं। आप यह निर्णय वित्तीय या व्यक्तिगत मामलों में ले सकते हैं। कार्यस्थल पर सहकर्मियों के साथ वाद-विवाद या तनाव हो सकता है। हालात लड़ाई-झगड़े तक बढ़ सकते हैं। स्वास्थ्य- पाचन या तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्या हो सकती है।
वृश्चिकवृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध का गोचर छठे भाव को प्रभावित करेगा। अश्विनी नक्षत्र का प्रभाव कार्यस्थल और स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां ला सकता है। छठा भाव नौकरी, प्रतिस्पर्धा और स्वास्थ्य का है और यहां बुध के होने से कार्यों में गलतियां, बॉस या ग्राहकों के साथ गलतफहमी और अधिक काम का बोझ हो सकता है। अश्विनी नक्षत्र की उच्च ऊर्जा आपको आवेगपूर्ण प्रतिक्रियाओं की ओर ले जा सकती है, जो कार्य संबंधों को खराब कर सकती है। स्वास्थ्य के मामले में तनाव, त्वचा संबंधी समस्या या अनिद्रा आपको परेशान कर सकती है।
मीन राशिमेष राशि में बुध का गोचर मीन राशि के दूसरे भाव को प्रभावित करेगा। वहीं अश्विनी नक्षत्र का प्रभाव वित्त और संचार से संबंधित समस्याएं ला सकता है। दूसरा घर धन, परिवार और वाणी से संबंधित है, और यहां स्थित बुध वित्तीय निर्णयों में जल्दबाजी, परिवार में गलतफहमी या वाणी में गलतफहमी पैदा कर सकता है। अश्विनी नक्षत्र की ऊर्जा आपको जोखिम भरे निवेश या आवेगपूर्ण खर्च की ओर धकेल सकती है। स्वास्थ्य- गले या पाचन से संबंधित छोटी-मोटी परेशानी हो सकती है।
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