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सीजफायर सकारात्मक, लेकिन सरकार पारदर्शिता दिखाए : विवेक तंखा

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नई दिल्ली, 11 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर को एक सकारात्मक और मानवीय निर्णय बताया और साथ ही सरकार से पारदर्शिता की भी मांग की है।

विवेक तंखा ने रविवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा कि जो सीजफायर हुआ है, वह देश के हित में है, क्योंकि जंग में सिर्फ फौजियों की ही नहीं, बल्कि आम नागरिकों की भी जान जाती है। इससे भारी आर्थिक नुकसान होता है। कोई भी समझदार देश युद्ध नहीं चाहता। यह एक विवेकपूर्ण निर्णय है, इससे मृत्यु और तबाही का सिलसिला थमेगा।

सांसद तंखा ने भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री के समर्थन में आए एक्स पोस्ट को लेकर हो रही ट्रोलिंग पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मिस्री एक ईमानदार लोक सेवक हैं। वह वही करते हैं जो उनके बॉस निर्देश देते हैं। वह निर्णय निर्माता नहीं हैं। ऐसे में उन्हें निशाना बनाना गलत है। मिस्री कश्मीरी पंडित हैं और उनके साथ ट्रोलिंग में जो अभद्रता की जा रही है, वह अस्वीकार्य है।

सीजफायर को शशि थरूर और पी. चिदंबरम ने सकारात्मक कदम बताते हुए सरकार की तारीफ की है। इस पर तंखा ने कहा कि युद्ध को लगातार बढ़ाना समझदारी नहीं है, खासकर तब जब दोनों देश न्यूक्लियर ताकतें हैं।

तंखा ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस एक्स पोस्ट पर भी चिंता जताई जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कर कश्मीर मुद्दे को सुलझाएगा। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। इसमें किसी तीसरे देश की भूमिका की कोई जरूरत नहीं है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर हमें बात करनी चाहिए, न कि भारत के अंदरूनी मामलों पर कोई बाहरी दखल स्वीकार करना चाहिए।

विवेक तंखा ने सवाल उठाते हुए कहा कि भारत सरकार ने खुद सीजफायर की घोषणा नहीं की, बल्कि यह जानकारी पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सार्वजनिक की। यह एक राजनीतिक निर्णय था और इसकी जानकारी संसद को दी जानी चाहिए थी। इस पर अब तक न संसद में चर्चा हुई, न जनता को बताया गया। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि यह फैसला कब और कैसे हुआ।

उन्होंने राहुल गांधी द्वारा संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग का समर्थन करते हुए इसे जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि सरकार संसद को भरोसे में ले और स्पष्ट करे कि कश्मीर पर नीति क्या है, क्या रणनीति है और क्या रोडमैप है।

प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के उन बयानों पर भी सवाल उठाते हुए तंखा ने कहा कि सरकार ने पहले कहा था कि हम आतंकवादियों को धरती के आखिरी छोर से भी पकड़ लाएंगे, लेकिन आज तक एक भी मुख्य साजिशकर्ता पकड़ा नहीं गया। बोलना आसान होता है, लेकिन उसे हासिल करना बेहद कठिन।

--आईएएनएस

पीएसके/एकेजे

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