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पुलिस की मिलीभगत ने मुझे जीने नहीं दिया… न्याय के लिए भटकी, सुसाइड नोट में रेप पीड़िता ने लिखी पूरी कहानी

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उत्तर प्रदेश के अयोध्या में एक 17 वर्षीय नाबालिग लड़की ने आत्महत्या कर ली। यह लड़की रौनाही थाना क्षेत्र की रहने वाली थी जिसका नाम रीता था लेकिन मरने से पहले रीता ने एक सुसाइड नोट छोड़ा जिसमें उसने बताया कि उसकी मौत का जिम्मेदार कौन है। दरअसल, यह कहानी पिलखनवा गांव की है, जहां रीता को प्रेमचंद रावत नाम के युवक से प्यार हो गया। रीता की मां ने आरोप लगाया कि प्रेमचंद ने पुलिस की मदद से उनकी बेटी के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए। जब उसने विरोध किया तो उसे पीटा गया और धमकी दी गई। इतना ही नहीं, मां ने आरोप लगाया कि उसकी बेटी को दो बार गर्भपात के लिए भी मजबूर किया गया।

पहली बार किसी बेटी का जबरन अपहरण किया गया। इसके बाद मां ने पुलिस में शिकायत की, जिसके बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया और रीता को नारी निकेतन भेज दिया गया, लेकिन जमानत मिलने के बाद आरोपी फिर से रीता के घर आने लगा। मां का दावा है कि उसने कई बार इंस्पेक्टर से शिकायत की, लेकिन हर बार उसकी शिकायत को नजरअंदाज कर दिया गया। इन सब से तंग आकर रविवार दोपहर 4 मई को रीता ने पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली।

"उन्होंने मुझे जीने नहीं दिया"
मरने से पहले रीता ने एक सुसाइड नोट लिखा जिसमें उसने अपनी मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के नाम लिखे। रीता ने लिखा, "पुलिस और इंस्पेक्टर की मिलीभगत ने मुझे जीने नहीं दिया।" जब पुलिस ने गांव वालों के सामने एक सुसाइड नोट जारी किया। इसके बाद ग्रामीणों ने पुलिस को शव पोस्टमार्टम के लिए ले जाने की अनुमति दे दी। ग्रामीणों का कहना है कि शुरू में पुलिस सुसाइड नोट दिखाने को तैयार नहीं थी। थाना प्रभारी सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि तहरीर व सुसाइड नोट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। मृतक की मां ने इस मामले में सीएम पोर्टल आईजीआरएस पर भी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन उस पर भी कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई।

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