एक ओर पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। दूसरी ओर, देश में राजनीति भी तेज हो गई है। इस हमले के बाद विपक्ष लगातार केंद्र सरकार से सवाल पूछ रहा है। इस बीच, राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने कहा कि अगर पुलवामा की रिपोर्ट आ जाती तो पहलगाम की घटना नहीं होती।
पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए मनोज झा ने कहा, ''हमने पहलगाम में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए आज यह बैठक शुरू की है।'' उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हम मधुबनी में चुनावी रैली करने नहीं जा रहे थे।’’
मनोज झा ने सरकार को घेरा
दरअसल, 22 अप्रैल को, जिस दिन पहलगाम में हमला हुआ, प्रधानमंत्री मोदी सऊदी अरब के दौरे पर थे। इस हमले के बाद प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा बीच में ही छोड़ दी और भारत आ गये। इसके बाद उन्होंने बिहार के मधुबनी में एक रैली को संबोधित किया और पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। मनोज झा ने पीएम की इसी रैली पर निशाना साधा है। पीएम की रैली पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, "हम इतनी बेशर्मी से काम नहीं करते। आज तक हम सदन में पूछते रहे हैं कि पुलवामा कैसे हुआ। अगर पुलवामा की रिपोर्ट आ जाती तो पहलगाम नहीं होता।"
मनोज झा ने कहा, पूरा देश एक स्वर में बोल रहा है, लेकिन आपका ट्विटर हैंडल क्या कर रहा है? देश एक स्वर में सोचता है, हमारे राजनीतिक मतभेद हैं, लेकिन हम इन मुद्दों पर समझौता नहीं करेंगे (समझौता नहीं होने की स्थिति)। हमने पुलवामा में अपने सैनिक खो दिए, हम श्रद्धांजलि देने वाला देश नहीं बनना चाहते।
तेजस्वी यादव ने भी सवाल पूछे.
इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने गुरुवार (24 अप्रैल, 2025) को पटना स्थित कांग्रेस कार्यालय में आयोजित अपनी दूसरी बैठक के दौरान पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने पहलगाम में सुरक्षा चूक को लेकर सवाल उठाए।
सरकार सुरक्षा मुद्दों से घिरी
तेजस्वी यादव ने सुरक्षा बलों की अनुपस्थिति को उजागर करते हुए कहा कि आतंकी हमले में शहीद हुए नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की बहन सृष्टि ने कहा था कि विनय डेढ़ घंटे तक जिंदा था लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया। मैं पूछना चाहता हूं कि अगर 2,000 पर्यटक एक जगह एकत्र हुए थे तो सुरक्षा के इंतजाम क्यों नहीं किए गए? यह जानते हुए भी कि पहलगाम उच्च सुरक्षा क्षेत्र में आता है, घटनास्थल पर एक भी सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था। उन्होंने आगे कहा कि 2014 से अब तक जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों के 3,982 मामले सामने आए हैं, जिनमें 413 नागरिक और 630 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं।
You may also like
सुप्रिया पाठक ने शाहिद कपूर के साथ अपने रिश्ते पर की खुलकर बात
सलमान खान की सुरक्षा में बढ़ोतरी, बुलेट प्रूफ ग्लास और पुलिस चौकी का निर्माण
हनुमान जी और शनिदेव की रोचक कथा: युद्ध और मित्रता
पहले नहीं देखी होगी ऐसी शादी, इलेक्ट्रिक साइकिल पर आई बारात, तुलसी की वरमाला से हुई जयमाला… ˠ
इन 8 राशियों के लोग बनेंगे करोड़पति, होगी मन की मुराद पूरी