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केंद्रीय संचार राज्य मंत्री ने भारत के व्यापारिक नेताओं से उत्कृष्टता की खोज में निरंतर लगे रहने का किया आह्वान

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– डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने आईएमसी पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया

नई दिल्‍ली, 10 अक्‍टूबर (Udaipur Kiran News) . केंद्रीय संचार राज्य मंत्री ने डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने शुक्रवार को आईएमसी 25 पुरस्कार समारोह में भारत के व्यापारिक समुदाय से नवाचार, सहयोग और उद्देश्य-संचालित नेतृत्व के माध्यम से देश के आर्थिक परिवर्तन का नेतृत्व करने का आह्वान किया. इस अवसर पर उन्‍होंने आईएमसी 25 पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित भी किया.

डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने नई दिल्‍ली स्थित यशोभूमि में इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 के तीसरे दिन सफलतापूर्वक संपन्न होने के अवसर पर उपस्थित विशिष्ट जनसमूह को संबोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने भारत की उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि तेजी से डिजिटल अपनाने और तकनीकी बदलाव के बीच देश एक असाधारण मोड़ पर खड़ा है.

केंद्रीय मंत्री ने भारत के व्यापारिक समुदाय से नवाचार, सहयोग और उद्देश्य-संचालित नेतृत्व के माध्यम से देश के आर्थिक परिवर्तन का नेतृत्व करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, आज का भारत पांच साल पहले वाला भारत भी नहीं है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अब उद्यम नवाचार, स्थिरता और वैश्विक परस्पर निर्भरता के युग में काम कर रहे हैं.

डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने भविष्य के लिए एक रोडमैप प्रस्तुत करते हुए व्यवसायों से कृत्रिम बुद्धिमत्ता को अपनाने, अनुसंधान एवं विकास में निवेश करने और प्रयोग को प्रोत्साहित करने वाली संस्कृतियों को बढ़ावा देने का आग्रह किया. उन्होंने इस अवसर पर स्टार्टअप्स के साथ सहयोग, एमएसएमई को मार्गदर्शन और सरकारी पहलों के साथ तालमेल बिठाने को भी प्रोत्साहित किया, और कहा कि भविष्य पारिस्थितिकी तंत्र का है, एकाधिकार का नहीं. लाभ को उद्देश्य के साथ जोड़ने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि ईएसजी एक अनुपालन चेकबॉक्स नहीं, बल्कि 21वीं सदी के व्यवसाय का सामाजिक अनुबंध है.

आईएमसी 25 पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए उन्होंने उनकी पहचान को सम्मान और जिम्‍मेदारी दोनों बताया. उन्‍होंने कहा, ये पुरस्कार कोई मंजिल नहीं, बल्कि भविष्य के लिए ईंधन हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये हमें याद दिलाते हैं कि बड़ी सफलता के साथ कर्मचारियों, समुदायों और राष्ट्र के प्रति बड़ी ज़िम्मेदारी भी आती है. उन्होंने उन लोगों की उद्यमशीलता की भावना की सराहना की जिन्होंने शुरुआत करने का साहस किया और श्रोताओं को याद दिलाया कि 97 फीसदी लोग जो कहते हैं कि वे एक कंपनी शुरू करेंगे, कभी निगमित नहीं होते, लेकिन आपने किया.

केंद्रीय संचार राज्य मंत्री ने अपने संबोधन के समापन पर भारत के व्यापारिक नेताओं से उत्कृष्टता की खोज में अथक प्रयास करते रहने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, भूखे रहो. निर्माण करते रहो. मैं आत्मनिर्भर भारत के निर्माताओं को देखता हूं. उन्होंने एक ऐसे भविष्य की कल्पना की जहां ‘मेड इन इंडिया’ गुणवत्ता, नवाचार और वैश्विक उत्कृष्टता का पर्याय बन जाए.

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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