New Delhi, 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बुधवार को विधानसभा परिसर में देश के केंद्रीय विधानसभा के प्रथम निर्वाचित अध्यक्ष वीर विठ्ठलभाई झवेरीभाई पटेल (1873–1933) की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विठ्ठलभाई पटेल का दृष्टिकोण प्रतिनिधित्व को उत्तरदायित्व में बदलने वाला था. उन्होंने सिद्ध किया कि साहस, विवेक और विश्वास ही लोकतंत्र के सच्चे स्तंभ हैं. विधानसभा के उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की.
विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि विठ्ठलभाई पटेल का निधन 22 अक्टूबर 1933 को जिनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में हुआ था. उनके पार्थिव शरीर को एसएस नारकुंडा नामक जहाज से भारत लाया गया था, जो 10 नवंबर 1933 को बंबई पहुंचा. यद्यपि पटेल ने अपनी अंतिम इच्छा के अनुसार अपनी अंत्येष्टि चौपाटी समुद्र तट पर करने की अभिलाषा व्यक्त की थी, परंतु ब्रिटिश सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी. अंततः उनका अंतिम संस्कार सोनापुर श्मशान घाट पर किया गया. अध्यक्ष ने इस प्रसंग को “एक देशभक्त की उस अमर भावना का प्रतीक” बताया, जो मृत्यु के बाद भी अपनी मातृभूमि से आत्मिक रूप से जुड़ा रहा.
श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए विजेंद्र गुप्ता ने पटेल के सार्वजनिक जीवन को भारत की संसदीय परंपरा के प्रारंभिक स्थापकों में एक बताया. उन्होंने कहा कि पटेल की यात्रा, बंबई नगर निगम के मेयर (1923–1925) से लेकर केंद्रीय विधानसभा अध्यक्ष (1925) बनने तक, भारत की लोकतांत्रिक चेतना के उत्कर्ष का प्रतीक रही. यह यात्रा स्थानीय प्रशासन से राष्ट्रीय नेतृत्व तक भारत के राजनीतिक आत्मबोध के विकास की कहानी कहती है.
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि 1925 से 1930 तक केंद्रीय विधानसभा के प्रथम Indian अध्यक्ष के रूप में विठ्ठलभाई पटेल ने अध्यक्ष पद को निष्पक्षता, स्वतंत्रता और संवैधानिक गरिमा का प्रतीक बना दिया. पटेल द्वारा अपनाई गई न्यायप्रियता, प्रक्रिया की शुचिता और विधान स्वतंत्रता की भावना आज भी भारत के संसदीय लोकतंत्र का नैतिक और संस्थागत आधार है.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विठ्ठलभाई पटेल की दूरदर्शिता और निष्ठा ने विधायी शासन को नैतिक मूल्यों पर आधारित जनसेवा का माध्यम बना दिया. पटेल के नेतृत्व ने भारत की राजनीतिक आत्मा को पराधीनता से स्वशासन की ओर, आज्ञापालन से अंतरात्मा की आवाज की ओर परिवर्तित किया.
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि विधानसभा आज भी विठ्ठलभाई पटेल के उन लोकतांत्रिक आदर्शों से प्रेरणा लेती है, जो बताते हैं कि सशक्त लोकतंत्र संवाद, अनुशासन और कर्तव्य की नींव पर खड़ा होता है. विठ्ठलभाई पटेल को श्रद्धांजलि देना दरअसल उस नैतिक साहस को नमन करना है जो संसदीय जीवन को अर्थ प्रदान करता है, जहां जनता की सेवा सभी व्यक्तिगत या राजनीतिक विचारों से ऊपर होती है.
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि विठ्ठलभाई पटेल का नेतृत्व आने वाली पीढ़ियों के विधायकों को निरंतर प्रेरित करता रहेगा. अध्यक्ष का पद केवल अधिकार का नहीं, बल्कि संविधान का एक पवित्र दायित्व है, जिसे निष्पक्षता, विनम्रता और नैतिक शक्ति के साथ निभाया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि दिल्ली विधानसभा पटेल की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए नागरिक शिक्षा और संसदीय धरोहर संरक्षण से जुड़े उपक्रमों के माध्यम से उनकी स्मृति को जीवंत बनाए रखेगी.
———–
(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव
You may also like
सरोजिनी नगर से शुरू हुई थी छठ यात्रा
'लव जिहाद-बहुविवाह' के खिलाफ अगले सत्र में विधेयक लाने की योजना बना रही असम सरकार, हिमंत बिस्वा सरमा का ऐलान
शेयर बाज़ार में ट्रेड डील की उम्मीदों से नई तेज़ी, निफ्टी ने महीनों बाद 26000 का लेवल पार किया, सेंसेक्स भी ऑल टाइम हाई के करीब
Jubilee Hills By Election: क्या भाईजान ने जुबली हिल्स में पक्की कर दी कांग्रेस की जीत, या अभी उलटफेर बाकी?
दो दिन से भूखी थी; पड़ोसी से आटा मांगा तो चरित्रहीन` कहकर पीटा; दो बच्चों के साथ मौत को लगाया गले