जयपुर, 7 मई . हवाई हमले—बम धमकी और आपात परिस्थितियों से निपटने के लिए जयपुर आज बदल गया है एक वॉर जोन में! पुलिस,प्रशासन और आमजन मिलकर ऐतिहासिक मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट अभ्यास किया. जिसमें हर गली, हर इमारत और हर नागरिक की भागीदारी है. यह केवल एक अभ्यास नहीं,बल्कि भविष्य की सुरक्षा का रिहर्सल है. यही कारण है कि सुरक्षा के लिहाज़ से जयपुर शहर एक बड़े बदलाव से गुजरा है.
राजस्थान पुलिस और प्रशासन के निर्देशानुसार पूरे जयपुर शहर में एक संगठित और योजनाबद्ध मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट अभ्यास आयोजित किया गया. इस ड्रिल का उद्देश्य है संभावित एयर स्ट्राइक, बम धमकी, और अन्य आपात परिस्थितियों में शहर की तैयारियों की परख करना है.
अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर (प्रथम) जयपुर कुंवर राष्ट्रदीप ने निर्देश जारी किए है कि यह अभ्यास कोई साधारण प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक ऐसा सुरक्षा तंत्र है जो हर नागरिक को जागरूक करने और हर संस्थान को सक्रिय करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इसके तहत पुलिस अधिकारी, फायर ब्रिगेड, अस्पताल, स्वयंसेवी संगठन, स्कूल, मॉल्स, बहुमंजिला इमारतें सभी एक साझा मंच पर आ रहे है. आमजन से लेकर प्रशासन तक सभी को इस सुरक्षा रिहर्सल का हिस्सा बन रहा है.
उन्होंने कहा कि जयपुर वासियों से अपील की गई है कि वे शांति, सावधानी और सहयोग के साथ इस अभ्यास में भाग लें और भविष्य में किसी भी आपदा के लिए खुद को तैयार रखें.
पुलिस महकमा सतर्क – चप्पे-चप्पे पर निगरानी
जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की ओर से जारी हुए आदेश के अनुसार सभी थानाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में सरकारी, गैर सरकारी संस्थाओं के व्हॉट्सएप ग्रुप बनाएं और सूचनाओं का तत्काल आदान-प्रदान सुनिश्चित करें. सोशल मीडिया मॉनिटरिंग से लेकर सुरक्षा उपकरणों की जांच करने के साथ—साथ मॉल, पेट्रोल पंप, गोदामों और ज्वलनशील पदार्थों से जुड़े संस्थानों की विशेष निगरानी के निर्देश दिए गए हैं.
आमजन के लिए विशेष निर्देश घबराएं नहीं, सतर्क रहें
पुलिस से मिली जानकारी के आमजन के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए है कि वे घबराएं नहीं बल्कि सतर्क रहें सीटी, टॉर्च, पावर बैंक, प्राथमिक चिकित्सा किट साथ रखें, अपने सभी महत्वपूर्ण कागजात, जैसे आधार कार्ड, ब्लड ग्रुप की जानकारी तैयार रखें. इसके अलावा आपात स्थिति में मिलने का स्थान परिवार के साथ पहले से तय कर लें और — हेल्पलाइन नंबर 112 को प्राथमिकता दें.
बहुमंजिला इमारतों पर विशेष फोकस – हवाई हमले का फुल सिमुलेशन
पुलिस आयुक्तालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का उपयोग करें, हर फ्लोर पर निकासी मार्ग साफ-साफ दर्शाएं, प्रत्येक मंजिल पर एक सुरक्षा प्रतिनिधि नियुक्त करें तथा इमारत का ब्लूप्रिंट थाना स्तर पर साझा करें.
सायरन बजते ही रहें अलर्ट, अफवाहों से बचें, सोशल मीडिया पर सैन्य जानकारी साझा न करें
जानकारी के अनुसार सायरन बजने पर शांत रहें और निकटतम सुरक्षित आश्रय स्थल की ओर बढ़ें, बिजली व गैस सप्लाई तुरंत बंद करें, किसी भी संदिग्ध वस्तु को न छुएं और इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें. वहीं दूसरी ओर अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी निगरानी व कानूनी कार्रवाई किए जाने के निर्देश जारी किए गए है.
अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर (प्रथम) ने किया आग्रह
अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर (प्रथम) जयपुर कुंवर राष्ट्रदीप ने आग्रह किया है कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य केवल प्रशिक्षण नहीं बल्कि जन-भागीदारी और सतर्कता को बढ़ावा देना है. अफवाहों से बचें, सूचना तंत्र का उपयोग करें और पुलिस का सहयोग करें. साथ ही साथ सोसायटी व मोहल्लों में इंटरकॉम और आपातकालीन प्रणाली सक्रिय रखें, व्हाट्सएप अलर्ट ग्रुप बनाएं, जिसमें डॉक्टर, पुलिस व सैन्य अधिकारी भी जोड़े जाएं, सामुदायिक एकता बनाए रखें और जाति—धर्म से ऊपर उठकर एकजुटता दिखाएं.
मुख्यमंत्री ने ली पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों की बैठक
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान पाकिस्तान का सीमावर्ती राज्य है, इसलिए उच्चतम मानकों की अनुपालना करते हुए, प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए. वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत राष्ट्र विरोधी शक्तियां प्रदेश में, साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का प्रयास कर सकती हैं. पुलिस अधिकारी सोशल मीडिया पर प्रभावी निगरानी के साथ, अफवाह फैलाने वालों के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई करें.
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