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डीपीआईआईटी ने जलवायु-प्रौद्योगिकी स्टार्टअप को समर्थन देने के लिए जीईएपीपी से किया समझौता

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नई दिल्ली, 17 मई . उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने देश के स्वच्छ ऊर्जा और विनिर्माण क्षेत्रों में नवाचार, स्थिरता और उद्यमशीलता में तेजी लाने के लिए ग्लोबल एनर्जी अलायंस फॉर पीपल एंड प्लैनेट (जीईएपीपी) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं.

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय ने शनिवार को जारी बयान में बताया कि समझौता ज्ञापन पर डीपीआईआईटी के निदेशक सुमीत जारंगल और जीईएपीपी के भारत उपाध्यक्ष सौरभ कुमार ने हस्ताक्षर किए. इस पहल का उद्देश्य भारत की नेट-जीरो महत्वाकांक्षाओं के अनुरूप स्केलेबल, निवेश योग्य उपक्रमों की एक मजबूत पाइपलाइन बनाना है. इस समझौता ज्ञापन के तहत जीईएपीपी ‘एनर्जी ट्रांजिशन इनोवेशन चैलेंज’ (एंटाइस) पेश करेगा, जो एक प्रतिस्पर्धी मंच है. यह उच्च प्रभाव वाले समाधानों के लिए 5 लाख डॉलर तक का पुरस्कार प्रदान करता है.

डीपीआईआईटी में संयुक्त सचिव संजीव ने कहा कि यह साझेदारी स्वच्छ ऊर्जा स्टार्टअप के लिए देश के दीर्घकालिक शुद्ध-शून्य उद्देश्यों का समर्थन करने वाली प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने के महत्वपूर्ण अवसर खोलेगी. स्पेक्ट्रम इम्पैक्ट और अवाना कैपिटल जैसे भागीदारों के माध्यम से निवेश सहायता भी सुगम बनाई जाएगी. उन्‍होंने बताया कि विस्तार के प्रावधान के साथ दो साल की साझेदारी, फंडिंग एक्सेस, मेंटरशिप, पायलट अवसरों और बाजार लिंकेज के माध्यम से शुरुआती चरण के जलवायु-तकनीक स्टार्टअप का समर्थन करेगी.

/प्रजेश शंकर

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/ प्रजेश शंकर

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