पीएचसी के डाक्टर ने फर्जी तरीके से रजिस्टर में छह मरीजों की एन्ट्री की
कानपुर, 23 मई . जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने शुक्रवार को रामादेवी स्थित कांशीराम ट्रामा सेंटर का औचक निरीक्षण किया. डॉक्टर और कर्मचारी मिलाकर अस्पताल में तकरीबन 200 मेडिकल स्टॉफ हैं, जिनमें 64 लोग ड्यूटी से नदारद मिले. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) भी सुबह नौ बजे तक हॉस्पिटल नहीं पहुंचे. जबकि उनका समय सुबह आठ से दो बजे तक का है. निरीक्षण के दौरान अस्पताल में कई तरह की अनियमितता मिली हैं. इन सभी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एक दिन का वेतन रोका गया है.
जिलाधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि आज सुबह कांशीराम हॉस्पिटल के औचक निरीक्षण में 64 कर्मचारी एवं डॉक्टर अनुपस्थित पाए गए हैं. उपस्थिति रजिस्टर में डॉक्टरों और कर्मचारियों ने मर्जी से ड्यूटी और हाजिरी लगा रखी थी. सीएमएस खुद तय समय से अस्पताल में नहीं मौजूद थे. गर्मियों के चलते डॉक्टरों को दिखाने और पर्चा बनवाने के लिए मरीज सुबह से ही ओपीडी के बाहर लंबी-लंबी कतारों में लगे थे. सबसे बड़ी बात यह है कि हॉस्पिटल परिसर में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है. इसके लिए अधिकारियों को फटकार लगाते हुए पानी की व्यवस्था कराने निर्देश दिए हैं.
उन्होंने कहा कि शासन की प्राथमिकता के अनुरूप आम जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाए, इसके लिए हम सभी लोगों का दायित्व है. सभी ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करें. लेकिन यहां पर तैनात डॉक्टर और कर्मचारी अपनी मनमानी कर रहे हैं, जिसका खामियाजा मरीजों और तीमारदारों को उठाना पड़ रहा है. लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
इसके बाद जिलाधिकारी ने नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) कृष्णा नगर का भी जायजा लिया. यहां पर भी तय समय के अनुसार आठ मेडिकल स्टॉफ में से केवल एक ही डॉक्टर निशा गांधी मौके पर मौजूद मिलीं. उन्होंने भी फर्जी तरीके से रजिस्टर में छह मरीजों की एन्ट्री दर्ज कर रखी थी. उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्राचार किया जाएगा.————
/ रोहित कश्यप
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