वाशिंगटन, 09 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप ने आज कुछ देर पहले कहा कि इजराइल और हमास उनकी गाजा शांति योजना को मानने के लिए तैयार हो गए हैं. दोनों ने उनकी 20 सूत्री इस योजना पर सहमति जताई है. युद्धविराम के प्रथम चरण के लिए दोनों ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. अनुमान है कि बंधकों की रिहाई Monday से शुरू होगी. उल्लेखनीय है कि मिस्र के शर्म अल-शेख शहर में इजराइल और हमास के बीच गाजा युद्ध को खत्म करने के लिए परोक्ष वार्ता चल रही है. हमास ने बंधकों और फलस्तीनी कैदियों की अदला-बदली की सूची सौंप दी है.
सीएनएन न्यूज चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने यह घोषणा करने से पहले स्टेट डाइनिंग रूम से निकलने के बाद से ओवल ऑफिस में फोन पर बातचीत की. इससे लगभग एक घंटे पहले स्टीव विटकॉफ और अपने दामाद जेरेड कुशनर से बात की. कुछ देरबाद इजराइल और हमास के बीच चल रही वार्ता की प्रगति का विवरण अपने ट्रुथ सोशल पर साझा किया.
व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अमेरिका का अनुमान है कि बंधकों की रिहाई Monday से शुरू होगी. इस अधिकारी ने कहा कि अब गुरुवार को इजराइली कैबिनेट के समक्ष इस समझौते के प्रस्ताव को रखा जाएगा. इसके बाद युद्धविराम योजना पर अमल शुरू हो जाएगा.
इस बीच इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया और उन्हें इजराइली संसद नेसेट को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया. प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, ट्रंप ने नेतन्याहू को उनके नेतृत्व और कार्यों के लिए बधाई दी. उधर, युद्धविराम संबंधी खबर जंगल में आग की तरह फैल गई है. बंधकों के परिवारों ने खुशी जताई है.
बंधक गली और जिव बर्मन के भाई लिरन बर्मन ने समझौते की घोषणा के तुरंत बाद एक्स पर कहा कि वह सचमुच बहुत खुश है. वह अपने प्रियजनों से जल्द से जल्द मिलना चाहता है. इजराइली रक्षा बल के सैनिक इतेय चेन ( जिनका शव हमास के पास है) के पिता रूबी चेन ने एक पोस्ट में President डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिकी वार्ता दल के अन्य सदस्यों का आभार व्यक्त किया है.
इजराइल सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में सारी जानकारी सामने रखेंगे. प्रधानमंत्री ने इसे इजराइल के लिए एक महान दिन बताया है. उल्लेखनीय है कि इजराइली कानून के अनुसार, किसी बंधक समझौते के तहत फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने के किसी भी निर्णय को पहले कैबिनेट की मंजूरी लेनी होती है. अगर कैबिनेट इस समझौते के पक्ष में मतदान करती है तो रिहाई को चुनौती देने के लिए इजराइल के उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने के लिए एक छोटी सी अवधि होती है. सरकार इस बाधा के दूर होने के बाद ही रिहाई के लिए आगे बढ़ सकती है.
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद
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