नई दिल्ली, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि भारत 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के समुद्री निवेश रोडमैप के साथ वैश्विक साझेदारी के लिए अपने बंदरगाहों से लेकर हरित हाइड्रोजन हब तक के दरवाजे खोल रहा है। उन्होंने बुधवार को दिल्ली में 28 देशों के राजदूतों और उच्चायुक्तों के साथ हुई गोलमेज बैठक में कही। इस कार्यक्रम का आयोजन इसी साल अक्टूबर महीने के अंत में आर्थिक नगरी मुंबई में होने वाले इंडिया मेरीटाइम वीक 2025 की तैयारियों के लिए किया गया।
बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों, उद्योग जगत के प्रतिनिधि और तमाम लोगों हिस्सा लिया। इस दौरान भारत ने वैश्विक भागीदारों से निवेश और सहयोग की अपील की। सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की समुद्री यात्रा अब एक नए अध्याय में प्रवेश कर रही है। उन्होंने मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 और मैरीटाइम अमृत काल विजन 2047 का ज़िक्र करते हुए कहा कि इन पहलों से बंदरगाह और शिपिंग तंत्र अधिक टिकाऊ, लचीला और भविष्य के लिए तैयार बन रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत के समुद्री क्षेत्र में बंदरगाह और कार्गो टर्मिनल ऑपरेशन, मल्टी-मॉडल टर्मिनल, जहाज़ निर्माण, जहाज रीसाइक्लिंग, जहाज़ मरम्मत और समुद्री सेवाओं जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। साथ ही हरित हाइड्रोजन हब और सतत शिपिंग समाधानों में भी वैश्विक सहयोग का बड़ा दायरा खुल रहा है।
बैठक में बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बार-बार इस बात पर ज़ोर दिया है कि बंदरगाह केवल समृद्धि के प्रवेश द्वार नहीं हैं, बल्कि भारत के भविष्य के प्रवेश द्वार हैं। ठाकुर ने बंदरगाह आधुनिकीकरण, अंतर्देशीय जलमार्ग विस्तार, ग्रीन और डिजिटल शिपिंग में सुधारों पर ज़ोर दिया और निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी की अपील की।
संयुक्त सचिव आर. लक्ष्मणन ने निवेशकों के सामने वाधवन पोर्ट, गैलाथिया बे ट्रांसशिपमेंट पोर्ट और टूना टेकरा टर्मिनल जैसी मेगा परियोजनाओं की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि ग्रीन हाइड्रोजन हब, एलएनजी बंकरिंग, जहाज़ निर्माण और समुद्री औद्योगिक पार्कों में निवेश की बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं।
चर्चा के दौरान भारत की मुख्य समुद्री प्राथमिकताओं पर ज़ोर दिया गया, जिसमें जहाज़ निर्माण क्षमता को मज़बूत करना और बंदरगाह आधारित विकास के ज़रिये देश को वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना शामिल था। साथ ही ब्लू इकॉनमी, समुद्र के संसाधनों का ज़िम्मेदार उपयोग और सतत विकास को भी अहम बताया गया। दूतों ने हरित शिपिंग और डिजिटलीकरण की दिशा में भारत की कोशिशों की सराहना की और कहा कि हाइड्रोजन-संचालित जहाज़ और कम उत्सर्जन वाली तकनीकें भविष्य में बड़ा बदलाव लाएँगी।
इस मौके पर यह भी बताया गया कि गिफ़्ट सिटी को समुद्री वित्तपोषण का केंद्र बनाया जा रहा है, जिससे वैश्विक निवेश और नवाचार को गति मिलेगी। दूतों ने सरकार के हालिया सुधारों की भी सराहना की। इनमें पांच नए कानून शामिल हैं, जो औपनिवेशिक दौर के पुराने नियमों की जगह लेकर वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप बनाए गए हैं।
बैठक के नतीजे अब सीधे इंडिया मेरीटाइम वीक 2025 में शामिल किए जायेंगे। यह आयोजन 27 से 31 अक्टूबर को मुंबई में नेस्को प्रदर्शनी केंद्र में होगा, जिसमें नीति निर्माता, निवेशक और उद्योग जगत के दिग्गज शामिल होंगे। इस आयोजन को भारत का सबसे बड़ा समुद्री मंच माना जा रहा है, जहां विचारों को ठोस परियोजनाओं और प्रतिबद्धताओं को साझेदारियों में बदला जाएगा।
उल्लेखनीय है की इंडिया मेरीटाइम वीक 2025, 27 से 31 अक्टूबर को मुंबई में होगा। इसमें 1 लाख से अधिक प्रतिनिधि, 100 से अधिक देश, 200 से अधिक वैश्विक वक्ता और 500 से अधिक प्रदर्शक भाग लेंगे। आयोजन में 10 से अधिक समानांतर कार्यक्रम और 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश अवसर प्रस्तुत होगा। 27 अक्टूबर को उद्घाटन सत्र होगा। 28 अक्टूबर को वैश्विक समुद्री भारत सम्मेलन और सागरमंथन सत्र होंगे। 29 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र-एशिया प्रशांत सत्र, समुद्री वित्त, जलवायु कोष, हरित दिवस और चतुष्कोण सत्र होंगे। 30 अक्टूबर को ‘शीईओ’ सम्मेलन और समुद्री धरोहर सत्र होंगे। 31 अक्टूबर को डिजिटल व भावी प्रौद्योगिकी सत्र, वैश्विक सम्मेलन होंगे।
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(Udaipur Kiran) / प्रशांत शेखर
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