भोपाल, 25 अप्रैल . प्रदेश में आईटी और संबंधित क्षेत्रों में नवाचार और निवेश को गति देने के लिए चार प्रगतिशील नीतियां लागू हैं. यह नीतियां ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स, एवीजीसी-एक्सआर, ड्रोन और सेमीकंडक्टर जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों पर केंद्रित हैं. इन नीतियों का उद्देश्य उन्नत तकनीकों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करना, व्यवसायों को समर्थन देना और नवाचार को बढ़ावा देना है.
जनसम्पर्क अधिकारी सोनिया परिहार ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि इन नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है. आगामी टेक ग्रोथ कॉनक्लेव में नीतियों का अधिकतम लाभ निवेशकों तक पहुंचाने और राज्य के तकनीकी इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के लिए गाइडलाइंस जारी की जाएंगी.
तकनीकी और रचनात्मक क्षेत्रों के लिए नई उड़ान जीसीसी और एवीजीसी-एक्सआर नीति
जनसम्पर्क अधिकारी ने बताया कि जीसीसी नीति 2025 के तहत बुनियादी ढांचे और गुणवत्ता प्रमाणन के लिए पूंजीगत सहायता, कौशल विकास, वेतन सहायता, आरएंडडी और आईपी संरक्षण को प्रोत्साहन देने के प्रावधान हैं. प्रमुख प्रोत्साहनों में पूंजीगत सहायता, किराया सहायता, वेतन सब्सिडी और आरएंडडी सहायता शामिल है. साथ ही भूमि छूट, ब्याज सहायता, मार्केटिंग व इवेंट होस्टिंग के लिए भी वित्तीय सहयोग मिलेगा. जीसीसी नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिक विभाग अंतर्गत एमपीएसईडीसी द्वारा इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में आईटी पार्कों में 4 नए सुविधा केंद्र स्थापित किए जाएंगे.
उन्होंने बताया कि एवीजीसी-एक्सआर नीति 2025 के तहत प्रदेश को भारत के रचनात्मक उद्योगों का केंद्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है. नीति के अंतर्गत पीपीपी मॉडल पर एवीजीसी मीडिया पार्क की स्थापना, कौशल विकास, कंटेंट निर्माण और इंडस्ट्री-अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन दिए जाने के प्रावधान हैं. इसमें कैपेक्स सहायता, किराया व वेतन सहायता, प्रोडक्शन इंसेंटिव और क्वालिटी सर्टिफिकेशन की सहायता दिए जाने के प्रावधान है. इंटरनेट शुल्क की आंशिक प्रतिपूर्ति और वार्षिक एवीजीसी-एक्सआर कॉन्क्लेव का आयोजन भी प्रस्तावित है. कॉनक्लेव में नवीन एवीजीसी-एक्सआर प्रयोगशालाएं स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन किए जाएंगे.
ड्रोन और सेमीकंडक्टर क्रांति की ओर अग्रसर मध्य प्रदेश
आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश की दिशा में कदम बढ़ाते हुए, सरकार ने ड्रोन और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश, निर्माण और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए दो नई नीतियाँ ड्रोन प्रमोशन एंड यूसेज पॉलिसी- 2025 और सेमीकंडक्टर नीति-2025 लॉन्च की हैं. ड्रोन नीति का लक्ष्य मध्यप्रदेश को ड्रोन निर्माण और तकनीक में अग्रणी बनाना है. नीति के तहत ड्रोन आधारित गवर्नेंस सेवाओं को बढ़ावा देना, स्किल डेवलपमेंट के माध्यम से ईको-सिस्टम को मजबूत करना. पूंजीगत सहायता, किराया सहायता, आईपी प्रोटेक्शन एवं क्वालिटी सर्टिफिकेशन पर सहायता और आरएंडडी सहायता शामिल है. इसके अतिरिक्त, ड्रोन कोर्सेस के लिए सहायता और मार्केटिंग व इंटर्नशिप के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं. कॉनक्लेव में ड्रोन स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन किया जायेगा.
सेमीकंडक्टर नीति-2025 के अंतर्गत प्रदेश को देश की सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाने का लक्ष्य है. यह नीति डिजाइन से लेकर निर्माण तक सेमीकंडक्टर व इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिज़ाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) ईको-सिस्टम को विकसित करने पर केंद्रित है. इसके अंतर्गत पूंजीगत सहायता, भूमि पर छूट, ब्याज सब्सिडी, बिजली दर सब्सिडी शामिल है. कंपनियों को पेरोल प्रोत्साहन, ईपीएफ रीइंबर्समेंट और अधिक के निवेश पर कस्टमाइज़्ड पैकेज भी सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के संबंधित कंपनियों के स्थापना का भूमि पूजन कॉनक्लेव में किए जाएंगे. टेक ग्रोथ कॉनक्लेव के आयोजन से राज्य सरकार तकनीकी नवाचार, निवेश और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त कर रही है.
तोमर
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