हरदा, 28 अक्टूबर (Udaipur Kiran) . मध्य प्रदेश के हरदा जिले में किसानों को पर्याप्त खाद उपलब्ध कराने पर विशेष जोर दिया जा रहा है. चार काउंटर से संचालित है एक डी.एम.ओ. एम.पी. एग्रो, निजी विक्रेताओं के माध्यम से खाद का वितरण करवाया जा रहा है. कृषि विभाग के उपसंचालक जवाहरलाल कास्दे ने बताया कि डी.ए.पी. और यूरिया का पर्याप्त स्टॉक है. डिमांड भी की गई है ताकि भविष्य में खाद की कमी की समस्या ना उत्पन्न हो सके.
गाइडलाइन का पालन –
उपसंचालक कास्दे ने बताया कि विकलांगों और महिलाओं को खाद देने की विशेष व्यवस्था है ताकि उन्हें कोई परेशानी ना हो . शासन द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए खाद का वितरण करवाया जा रहा है. मानवीय व इंसानियत का ख्याल भी वितरण के दौरान रखा जाता है. विषम परिस्थितियों में परेशान दिव्यांगों, बुजुर्गों तथा महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर खाद उपलब्ध कराने की विशेष व्यवस्था है. स्टॉक में खाद के साथ-साथ अतिरिक्त खाद की मांग आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए की गई है, ताकि निकट भविष्य में खाद वितरण समस्या उत्पन्न ना हो.
चार काउंटर से उर्वरक वितरण जारी –
उपसंचालक कास्दे ने बताया कि चार काउंटर से उर्वरक वितरण जारी कृषि विभाग के अधिकारियों की देखरेख में चार काउंटर से उर्वरक का वितरण जारी है दो डीएमओ काउंटर खोले गए हैं. एक एमपी एग्रो और एक निजी विक्रेताओं द्वारा काउंटर खोलकर सुचारू से उर्वरक का वितरण किया जा रहा है. यूरिया खाद का वितरण सुचारू से किया जा रहा है. डीएपी की लगातार आवश्यकता अनुसार आपूर्ति की जा रही है. एक सप्ताह के भीतर दो रैक उर्वरक और उपलब्ध हो जाएंगे ताकि निकट भविष्य में खाद की कमी नहीं बन सके.
46 हजार मीट्रिक टन यूरिया की आवश्यकता
कृषि उप संचालक जवाहरलाल कास्दे ने बताया कि रबी सीजन के लिए जिले में कुल 46 हजार मीट्रिक टन यूरिया की आवश्यकता है, जिसमें से अब तक लगभग 26,500 मीट्रिक टन खाद आ चुका है. वहीं, डीएपी की 23 हजार मीट्रिक टन जरूरत के मुकाबले 9 हजार मीट्रिक टन डीएपी प्राप्त हुआ है. उन्होंने दावा किया कि जिले में खाद की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है और किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार खाद उपलब्ध कराया जा रहा है.
किसानों का कहना है कि यदि उन्हें एक बार में ही उनकी जरूरत के मुताबिक खाद मिल जाए तो उन्हें बार-बार परेशान नहीं होना पड़ेगा. वर्तमान में, किसानों को एक ऋण पुस्तिका पर 10 बोरी यूरिया दी जा रही है. इस साल अक्टूबर महीने में हुई बेमौसम बारिश के कारण जिले में चना के रकबे में कमी आने की आशंका है, जबकि गेहूं का रकबा बढ़ने की उम्मीद है.
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(Udaipur Kiran) / Pramod Somani
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