कानपुर, 26अप्रैल . गर्मी में खेत खाली होते ही मिट्टी की जांच करवाए, बेहतर फसल उत्पादन के लिए मिट्टी परीक्षण करवाना नितांत आवश्यक है. मिट्टी की जांच के बिना उर्वरकों का इस्तेमाल करना, ठीक उसी तरह से है जैसे बिना डॉक्टर की सलाह के दवा का प्रयोग करना, इसलिए समय-समय पर मिट्टी का परीक्षण कर पोषक तत्वों के स्तर की जांच कर कृषि वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में संतुलित मात्रा में खाद का उपयोग करें. यह बातें शनिवार को मृदा वैज्ञानिक डॉ. खलील खान ने विकासखण्ड मैथा के ग्राम प्रतापपुर में मृदा परीक्षण पर आधारित प्रशिक्षण में कृषकों एवं महिला कृषकों को सम्बोधित करते कही.
डॉ. खान ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर के तत्वाधान में मृदा परीक्षण के संबंध में कृषकों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से निरन्तर जन-जागरण अभियान चलाया जा रहा है. अभियान के तहत् गांव-गांव मिट्टी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को जागरूक किया जा रहा है. जिस प्रकार से आप आयुष्मान कार्ड की उपयोगिता है, उसी प्रकार मृदा स्वास्थ्य कार्ड की भी है, इसे आप उसी प्रकार संभाल कर रखें, उसके अनुशंसित मात्रा के अनुसार उर्वरको का उपयोग करें.
मृदा वैज्ञानिक ने बताया कि प्रति इकाई लागत से अधिकतम उत्पादन के लिए परीक्षण नगण्य लागत वाला संसाधन है. प्रशिक्षण को सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक ने जांच के लिए मिट्टी के नमूने लेने के बारे में कृषकों को बताया तथा कहा कि जो भी किसान खरीफ फसल की तैयारी कर रहे है, तो वे जरूर अपनी मिट्टी की जांच करा ले जिससे की मिट्टी में कौन-कौन से पोषक कितनी मात्रा में है तथा किन-किन तत्वों की कमी है पता चल जाएगा.
इस मौके पर शुभम् यादव, गौरव शुक्ला सहित कार्यक्रम में प्रतापपुर ग्राम के मुख्य रूप से 40-50 कृषक, महिला कृषक उपस्थित रहे.
/ मो0 महमूद
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