Prayagraj, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) . इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने Prayagraj में महाकुम्भ 2025 में मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर हुई भगदड़ में जान गंवाने वाली मां और बेटी को प्रदेश सरकार द्वारा घोषित मुआवजे के भुगतान के सम्बंध में कुम्भ मेला अधिकारी को निर्देश दिया कि मृतक के पति के प्रत्यावेदन को एक माह के भीतर निस्तारित करें.
यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार और न्यायमूर्ति स्वरूपमा चतुर्वेदी की खंडपीठ ने दिया है. बलिया के नसीराबाद गांव निवासी दिनेश पटेल परिवार के साथ कुम्भ मेले में स्नान के लिए आए थे. भगदड़ में याची की पत्नी रीना देवी (35) और बेटी रोशन पटेल (12) की मृत्यु हो गई थी. प्रदेश सरकार ने भगदड़ में मारे गए प्रत्येक मृतक के परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्णय लिया था लेकिन मृतक के पति को विभिन्न कार्यालयों के चक्कर लगाने के बावजूद मुआवजा नहीं मिला.
मुआवजे के भुगतान में देरी होने पर पीड़ित ने यह याचिका दाखिल की. याची की ओर से अधिवक्ता राजवेंद्र सिंह, सईद और चार्ली प्रकाश ने बहस की. खंडपीठ ने कुम्भ मेला अधिकारी को आदेश दिया है कि वे मृतक के पति के लंबित प्रत्यावेदन को एक माह के अंदर विधि अनुसार निस्तारित करें.
—————
(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
You may also like

जो हुआ, गलत हुआ, साहब मेरा बेटा गैंग का हिस्सा नहीं था... दिल्ली पुलिस की मुठभेड़ में ढेर हुए बदमाश के पिता का दावा

इस हफ्ते लॉन्च हो सकता है सैमसंग का तीन बार फोल्ड होने वाला फोन, कीमत होगी लगभग 2.64 लाख रुपये

रूस का बड़ा फैसला, पुतिन ने अमेरिका के साथ रद्द किया प्लूटोनियम समझौता, दोनों देशों में और बढ़ सकता है तनाव

30 दिनों के लिए खाना बंद कर दे आप भी चीनी,` फिर देखों शरीर में दिखता हैं कितना फर्क

'जामताड़ा' एक्टर सचिन चंदवाड़े का आखिरी पोस्ट, सुसाइड करने से ठीक पहले अपनी फिल्म का मोशन पोस्टर किया था शेयर





