जयपुर, 18 अक्टूबर (Udaipur Kiran News). अलवर जिले में संगठित अपराधों के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत थाना गोविंदगढ़ पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है, जो फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर अपहरण और फिरौती वसूली की वारदातों को अंजाम दे रहा था. पुलिस ने इस मामले में गिरोह के दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
जिला Superintendent of Police सुधीर चौधरी ने बताया कि यह कार्रवाई अतिरिक्त Superintendent of Police (ग्रामीण) डॉ. प्रियंका, वृत्ताधिकारी कैलाश जिंदल के सुपरविजन और थानाधिकारी बने सिंह के नेतृत्व में गठित विशेष टीम द्वारा की गई.
मामले के अनुसार, फरियादी साजिद निवासी धांधोली ने इस्तगासे के माध्यम से रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 28 जून को चार-पांच व्यक्ति लाल बत्ती लगी गाड़ी में सवार होकर उसकी ई-मित्र दुकान पर पहुंचे. उन्होंने खुद को Haryana पुलिस के अधिकारी बताया और उसे जबरन अपनी गाड़ी में बिठाकर अपहरण कर लिया. साथ ही दुकान से नकदी, मोबाइल और कंप्यूटर समेत अन्य सामान भी लूट लिया.
आरोपियों ने बाद में साजिद के परिजनों से ₹4 लाख की फिरौती वसूली, जिसके बाद उसे छोड़ा गया. शिकायत पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तकनीकी और आसूचना सहायता के आधार पर आरोपियों को ट्रेस किया.
Saturday 18 अक्टूबर को थाना गोविंदगढ़ पुलिस ने दो आरोपियों —
साजिद उर्फ काला मेव (32) पुत्र इन्नस खान, निवासी हुसैपुर थाना सीकरी, जिला डीग, और
निरजू गुर्जर (34) पुत्र वासुदेव, निवासी कनवाडा थाना कामां, जिला डीग — को गिरफ्तार किया.
पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है. पूछताछ के दौरान पुलिस को जिले में हुई अन्य समान घटनाओं के खुलासे की उम्मीद है. इस पूरी कार्रवाई में एएसआई हीरू लाल, कांस्टेबल धीरेंद्र सिंह, श्रीनाथ, बृजेश कुमार, राजवीर और मोहम्मद शरीफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा.
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