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कर्ज का जाल, 30% ब्याज और हर महीने 1.20 लाख की EMI: बिजनेसमैन का 12 पन्नों का सुसाइड नोट

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उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया। कर्ज का बोझ और अपनों का धोखा एक परिवार को लील गया। बुधवार सुबह बिजनेसमैन सचिन ग्रोवर, उनकी पत्नी शिवांगी और उनके चार साल के मासूम बेटे फतेह की जिंदगी खत्म हो गई। सचिन और शिवांगी ने पहले अपने बेटे को जहर दिया और फिर खुद फंदे से लटककर जान दे दी। मरने से पहले शिवांगी ने अपनी मां को व्हाट्सएप पर एक सुसाइड नोट भेजा था, जिसे पुलिस ने उनके घर से भी बरामद किया। इस 12 पन्नों के सुसाइड नोट में सचिन ने अपनी आपबीती बयां की है, जिसमें कर्ज, धोखे और अपनों की बेवफाई का दर्द साफ झलकता है।

सपनों की शुरुआत, बर्बादी की दास्तान

शाहजहांपुर के रोजा थाना क्षेत्र की पॉश कॉलोनी दुर्गा एन्क्लेव में रहने वाले सचिन ग्रोवर ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, “जब यह लेटर किसी को मिलेगा, तब तक मैं, मेरी पत्नी शिवांगी और बेटा फतेह इस दुनिया में नहीं होंगे। मेरा सब कुछ खत्म हो चुका है।” सचिन ने बताया कि उनकी जिंदगी तब बर्बाद हुई, जब उन्होंने बरेली में बिजनेस शुरू करने का फैसला किया। लॉकडाउन के दौरान शुरू किया गया यह बिजनेस कर्ज के जाल में फंस गया। उनकी फैक्ट्री, ससुराल का घर और गहने तक गिरवी रखने पड़े। सचिन ने लिखा कि उनकी सास, ससुर, साले और पत्नी शिवांगी ने उनका पूरा साथ दिया, लेकिन अपने परिवार और दोस्तों से उन्हें कभी सपोर्ट नहीं मिला।

हर दिन 2 हजार का ब्याज, हर महीने 1.20 लाख की EMI

सचिन ने अपने सुसाइड नोट में खुलासा किया कि घर बचाने के लिए उन्होंने बैंक से लोन लिया था। इस कर्ज को चुकाने के लिए एक दोस्त से 2 लाख रुपये उधार लिए, जिसके बदले उन्हें हर दिन 2 हजार रुपये ब्याज देना पड़ता था। इसके अलावा, बैंक लोन की हर महीने 1.20 लाख रुपये की EMI थी। यह लोन उनकी सास के नाम पर लिया गया था, क्योंकि सचिन का सिबिल स्कोर खराब होने की वजह से उन्हें लोन नहीं मिल पा रहा था। सचिन ने लिखा कि उनके भाई गौरव और चाचा पवन ने उनका साथ नहीं दिया। गौरव ने तो घर बेचने का दबाव बनाया, जो उनके पिता ने बनवाया था और उनकी मां के नाम था। सचिन ने बताया कि उनके भाई ने घर में हिस्सा लिया और अपने हिस्से के पैसे भी हड़प लिए, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और खराब हो गई।

30% ब्याज और दोस्तों का धोखा

सचिन ने अपने दोस्त शैंकी आनंद पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने लिखा कि शैंकी से लिया गया लोन 30% ब्याज पर था। शैंकी जरूरत पड़ने पर अपने दोस्तों से पैसे दिलवाता, लेकिन भारी ब्याज वसूलता। सचिन ने उसका सारा पैसा चुकाया, फिर भी शैंकी उन्हें हर जगह बदनाम करता रहा। सचिन ने लिखा, “मेरी और मेरे परिवार की मौत में शैंकी का सबसे बड़ा हाथ है।” उन्होंने बताया कि शैंकी और उसके साथियों ने उनकी पत्नी की छवि भी खराब की और उन्हें समाज में अपमानित किया।

शराब का बिजनेस और सजा

सचिन ने अपने नोट में बताया कि उन्होंने रामनगर मोहल्ले के विक्की बग्गा से निवेश के लिए पैसे लिए थे, लेकिन निवेश नहीं कर पाए। उन्होंने अपनी गलती मानी और पैसे लौटाने के लिए समय मांगा। सचिन ने शराब का बिजनेस भी शुरू किया था, जिसमें उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ, लेकिन वे पकड़े गए। उन्होंने अपनी गलती स्वीकारी और पैसे लौटाने का वादा किया, लेकिन उन्हें पीटा गया। उनकी सास को फंसाने की धमकियां मिलीं, जिसके तनाव में सचिन को हार्ट अटैक तक आ गया। सचिन ने लिखा कि शैंकी ने सभी को उनके खिलाफ भड़काया, जिससे उनकी जिंदगी और मुश्किल हो गई।

अपनों ने भी नहीं दिया साथ

सचिन ने अपने परिवार वालों पर भी गहरे आरोप लगाए। उन्होंने लिखा कि उनके चाचा और मझले भाई ने उन्हें सबसे ज्यादा तकलीफ दी। वे हमदर्दी का दिखावा करते थे, लेकिन उनकी परेशानियों को सबके सामने उजागर कर बदनाम करते थे। सचिन ने बताया कि उनके पिता ने उनके लिए सब कुछ बेच दिया, लेकिन रिश्तेदारों ने उनकी हालत और खराब की। उनकी पत्नी शिवांगी को भी परिवार वाले तंग करते थे, जबकि उसका कोई कसूर नहीं था।

टूट चुका हूं, अब हिम्मत नहीं बची

सचिन ने अपने नोट में लिखा, “पिछले 6 महीनों से मैं लगातार बैंक का लोन चुका रहा हूं, लेकिन कर्ज खत्म होने की बजाय बढ़ता जा रहा है। मैंने कभी किसी का पैसा नहीं हड़ा। जिससे भी लिया, ब्याज समेत लौटाया। फिर भी मुझे हर जगह धोखा ही मिला। अब मैं पूरी तरह टूट चुका हूं। मेरे अंदर हिम्मत नहीं बची।” इस दर्द भरे सुसाइड नोट ने कर्ज के बोझ और अपनों के धोखे की दास्तान को उजागर किया है, जो एक परिवार की जिंदगी खत्म करने की वजह बनी।

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