उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बस चालकों की सेहत और सड़क सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ निर्देश दिए हैं कि हर तीन महीने में बस चालकों की मेडिकल और फिटनेस जांच अनिवार्य होगी। उन्होंने कहा कि फाइलों को लटकाने की पुरानी आदत अब नहीं चलेगी। जनता की शिकायतों का तेजी से समाधान करना होगा। इसके साथ ही परिवहन विभाग में टीम वर्क को और मजबूत करने की जरूरत है ताकि बेहतर नतीजे सामने आएं।
परिवहन विभाग की नई शुरुआतलखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने परिवहन विभाग की कई नई सेवाओं का डिजिटल लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि बस चालकों की नियमित मेडिकल जांच, खासकर उनकी आंखों की जांच, अनिवार्य होनी चाहिए। इससे दृष्टि दोष की वजह से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा। योगी ने सख्त लहजे में कहा कि सड़क पर लापरवाही से गाड़ी चलाने की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।
सड़क सुरक्षा को लेकर सख्तीमुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) के पास देश का सबसे बड़ा बस बेड़ा है। इतनी बड़ी संख्या में सेवाएं देना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन इसके साथ कई चुनौतियां भी हैं। उन्होंने रक्षाबंधन के मौके पर बहनों को तीन दिन की मुफ्त बस यात्रा की सुविधा को सराहा और कहा कि ऐसी योजनाओं का प्रचार-प्रसार और प्रभावी ढंग से करना चाहिए।
योगी ने परिवहन विभाग से अल्पकालिक (3 साल), मध्यम अवधि (10 साल) और दीर्घकालिक (22 साल) की योजनाएं तैयार करने को कहा। उन्होंने जोर दिया कि जो समाज या व्यक्ति समय के साथ कदम नहीं मिलाता, वह हमेशा पीछे रह जाता है। लेकिन जो समय से दो कदम आगे चलता है, वही सफलता का परचम लहराता है।
परिवहन विभाग की मिसालमुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग की तारीफ करते हुए कहा कि इसने समय-समय पर अपनी सेवाओं से मिसाल कायम की है। साल 2019 के प्रयागराज कुंभ और 2020 में कोरोना महामारी के दौरान जब लाखों प्रवासी मजदूर अपने गांवों की ओर लौट रहे थे, तब विभाग ने न सिर्फ उत्तर प्रदेश, बल्कि बिहार, झारखंड, ओडिशा, असम, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड तक लोगों को सुरक्षित पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई। इस साल के प्रयागराज महाकुंभ में भी विभाग ने रेलवे स्टेशनों और अन्य स्थानों पर उमड़ी भीड़ को संभालते हुए करोड़ों श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाया।
सड़क हादसों पर चिंतायोगी ने सड़क सुरक्षा को प्रदेश के लिए एक बड़ी चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि कोरोना के तीन साल में जितनी जानें नहीं गईं, उससे कहीं ज्यादा लोग हर साल सड़क हादसों में अपनी जान गंवाते हैं। इनमें ज्यादातर युवा होते हैं, जिससे परिवार तबाह हो जाते हैं। यह न सिर्फ समाज बल्कि सरकार के लिए भी चिंता का विषय है। मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग को हर संकट में समय का साथी बनकर समाज की सेवा करने के लिए सराहा।
You may also like
17 साल के बॉयफ्रेंड के साथ बिना कपड़ों के थी 33 साल की महिला, 6 साल की बच्ची ने देखा तो गला दबाकर कर दी हत्या
मध्य प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाने वाला देश का पहला राज्य
ग्वालियरः जिले में टोकन प्रणाली से कराया जा रहा है खाद वितरण
उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति ने राज्यपाल काे भेंट की मीमांसा दर्शन पर आधारित पुस्तकें
बोडोलैंड क्षेत्र में किसानों के हित में कई पहल: मुख्यमंत्री