Uttarkashi News : उत्तरकाशी में मस्जिद हटाने की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को हिंदू संगठनों की जनाक्रोश रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों से तीखी झड़प के बीच पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिसमें करीब 27 लोग जख्मी हो गए। संयुक्त हिंदू संगठन के आह्वान पर निकाली गई इस रैली के समर्थन में उत्तरकाशी, डुंडा, भटवाड़ी और जोशियाड़ा में बाजार बंद रहे जिससे तीर्थयात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।
नगर के बाड़ाहाट क्षेत्र में बनी मस्जिद को प्रदर्शनकारी सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण बता रहे हैं जबकि जिला प्रशासन ने साफ किया है कि मस्जिद पुरानी है और मुस्लिम समुदाय के लोगों की भूमि पर बनी हुई है। इस संबंध में उत्तरकाशी के जिलाधिकारी ने स्पष्टीकरण दिया गया है जिसमें भटवाड़ी के उपजिलाधिकारी मुकेश चंद रमोला की एक रिपोर्ट का हवाला है।
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उधर, तय कार्यक्रम के अनुसार, मस्जिद हटाने की मांग को लेकर रैली निकालने के लिए हिंदू संगठनों से जुड़े लोग हनुमान चौक पर एकत्रित हुए और 'जय श्रीराम' और 'मस्जिद हटाओ' के नारे लगाए। इनमें स्वामी दर्शन भारती भी शामिल थे।
प्रदर्शनकारियों को मस्जिद की ओर जाने से रोकने के लिए प्रशासन ने गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर भटवाड़ी की ओर बैरिकेडिंग लगा दी। इस बैरीकेडिंग को हटाने के लिए प्रदर्शनकारियों की पुलिस से तीखी नोंकझोंक हुई लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया।
इसके बाद प्रदर्शनकारी गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही धरने पर बैठ गए। इस दौरान प्रदर्शनकारी हनुमान चालीसा का पाठ भी करते नजर आए। बाद में एक बार फिर प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग हटाने का प्रयास किया और उनकी पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई।
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अधिकारियों ने बताया कि इसी दौरान पत्थरबाजी होने लगी जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पहले आंसू गैस के गोले छोड़े और बाद में पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया जिसमें कुछ प्रदर्शनकारी और पुलिस कर्मी चोटिल भी हो गए। उत्तरकाशी जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. प्रेम पोखरियाल ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान 18 पुरुष और दो महिला प्रदर्शनकारियों समेत 27 लोग घायल हो गए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
उन्होंने बताया कि घायलों में सात पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। चिन्यालीसौड़ के रहने वाले 17 वर्षीय गोपेश मिश्रा की टांग की हड्डी टूट गई जिसके मद्देनजर उसे देहरादून रेफर किया गया है। देर शाम तक अधिकांश घायलों को अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी।
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वहीं पथराव ने पुलिसकर्मियों को भी मौके से भागने को मजबूर कर दिया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि हालात बिगाड़ने के लिए साजिश के तहत पत्थर फेंके गए जबकि पुलिस ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है। उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमित श्रीवास्तव ने कहा कि पथराव की घटना को गंभीरता से लिया गया है और इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि पथराव करने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों को दूसरे मार्ग पर जाने से रोका गया तो धक्का-मुक्की हुई और फिर पत्थरबाजी हुई जिसके बाद पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। श्रीवास्तव ने कहा कि अब नगर के हालात सामान्य हैं और शांति है। नगर में पर्याप्त पुलिस बल तैनात है। उधर, अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शन के बाद मस्जिद की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
बाजार बंद होने के कारण तीर्थयात्रियों को चाय और पानी तक उपलब्ध नहीं हो पाया। सुबह के समय कुछ दुकानें खुली थीं लेकिन बाद में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने उन्हें बंद करवा दिया। गंगोत्री राजमार्ग बंद होने के कारण पुलिस ने गंगोत्री जाने वाले तीर्थयात्रियों को बड़ेथी बाईपास से तेखला की ओर भेजा।
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इस बीच, संयुक्त हिंदू संगठन ने पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज तथा प्रशासन की मिलीभगत से मुस्लिम समुदाय की ओर से उन पर पथराव करने का आरोप लगाते हुए इसके विरोध में उत्तरकाशी में शुक्रवार से अनिश्चितकालीन बाजार बंद और चक्काजाम करने की घोषणा की है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
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